मुंगेली ब्युरो चीफ – जितेन्द्र पाठक
लोरमी – लोरमी नगर सहित आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में रविवार को श्रद्धा और आस्था के साथ आंवला नवमी का पर्व मनाया गया। इस अवसर पर महिलाओं ने आंवले के पेड़ की परिक्रमा कर पूजा-अर्चना की और अपने परिवार की सुख-शांति और समृद्धि की कामना किये। सारधा नर्सरी बंद रहने से महिलाएं मायूस हुई, मुख्य गेट में बंद का चस्पा लगा दिया गया।
गौरतलब है कि आंवला नवमी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है और यह पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और परिवार में सुख-समृद्धि, शांति और स्वास्थ्य बना रहता है।
नगर के मंदिरों, नर्सरी, फार्म हाउस, घर में लगे आंवला वृक्ष के आस-पास के स्थानों पर विशेष आयोजन किए गए, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने हिस्सा लिया। महिलाओं ने आंवले के वृक्ष के पास रंगोली बनाई और दीप जलाए मान्यता है कि इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा करने से परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है और सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं।
सारधा नर्सरी रहा बंद महिलाएं मायूस होकर वापस लौटे, बंद का चस्पा लगा रहा
लोरमी क्षेत्र के ग्राम सारधा में स्थित सारधा नर्सरी आंवला नवमी के अवसर पर बंद रहा। आपको बता दे कि आँवला नवमी के अवसर पर महिलाएं आँवला पेड़ की पूजा करते है हर वर्ष आंवला नवमी के अवसर पर महिलाएं, युवतियां लोरमी नर्सरी सहित सारधा नर्सरी आंवला नवमी मनाने जाते है सारधा लोरमी सहित आसपास की महिलाएं सारधा नर्सरी पहुची जहाँ नर्सरी बंद पाया गया बताया गया कि रविवार पड़ने के कारण सारधा नर्सरी बंद कर दिया गया गेट के बाहर बंद का चस्पा भी किया गया। साल में एक बार आंवला नवमी मनाने काफी संख्या में जाते है लेकिन इस तरह बंद देख मायूस वापस लौटे साल भर में एक बार आने वाले ऐसे पर्व में नर्सरी खुला रहना चाहिए था महिलाओं का आस्था को देखते हुए। आपको बता दे कि रविवार होने के बाद भी लोरमी नर्सरी खुला रहा। इस मामले को लेकर सारधा नर्सरी प्रभारी के मोबाईल नम्बर 9993250703 से संपर्क करने का प्रयास किया गया पर प्रभारी फोन रिसीव नही किये।