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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के हड़ताल से कार्य हो रहे प्रभावित

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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के हड़ताल से कार्य हो रहे प्रभावित

मुंगेली ब्यूरो- जितेन्द्र पाठक

मुंगेली- छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ के आव्हान पर मुंगेली में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के कर्मचारियों ने दिनांक 18/08/2025 दिन सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। संविदा कर्मचारी अपनी मांगो को लेकर आज चौथे दिन भी आगर क्लब मैदान मे धरना मे डटे रहे।

एनएचएम कर्मचारी संघ के संरक्षक अमित दुबे एवं जिलाध्यक्ष पवन निर्मलकर ने मांगों का ब्योरा दिया। इसमें 10 सूत्रीय मांगो मे संविलियन एवं स्थायीकरण, पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना, ग्रेड पे निर्धारण, लंबित 27% वेतन वृद्धि, कार्य मूल्यांकन सीआर में पारदर्शिता, नियमित भर्ती में सीटों का आरक्षण, अनुकम्पा नियुक्ति, मेडिकल व अवकाश सुविधा, स्थानांतरण नीति एवं 10 लाख तक कैशलेस स्वास्थ्य बीमा भी मांगों में शामिल है। कर्मचारियों ने बताया कि जिले में कुल 350 एनएचएम कर्मचारी काम कर रहे हैं। इनमें चिकित्सक, नर्स, थेरेपिस्ट, लैब टेक्निशियन, कार्यालयीन स्टाफ और डाटा एंट्री ऑपरेटर शामिल हैं। शासन की बेरुखी से आक्रोशित कर्मचारियों ने इस बार आपातकालीन सेवाओं के साथ-साथ जिला अस्पताल मुंगेली में एसएनसीयू (नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई) पोषण पुनरवास केंद्र NRC, पीडिया वार्ड पूर्ण रूप से बंद है। जिससे हितग्राही यहाँ वहां भटक रहें है, जिला मुंगेली के कई आयुष्मान आरोग्य मंदिर पूर्ण रूप से बंद है।
एनएचएम कर्मचारियों ने कहा कि वे पिछले 20 वर्षों से लगातार स्वास्थ्य सेवा दे रहें है, स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ है,


ग्रामीण और वनाँचल क्षेत्रों में मातृ-शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण, प्रसव, OPD, IPD, मौसमी बीमारी आपातकालीन सेवाओं में उनका योगदान महत्वपूर्ण रहता है लेकिन इसके बावजूद राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों को आज तक मूलभूत सुविधाएं, सविलियन और समानजनक वेतन नहीं मिल पाया है। कर्मचारियों ने बताया कि, भाजपा के घोषणा पत्र एवं मोदी की गारंटी में स्पष्ट कहा गया है कि, प्रदेश में बीजेपी के सरकार बनने के 100 दिन के भीतर समस्त संविदा कर्मचारियों के मांगों को पूरा किया जाएगा, लेकिन आज सरकार के डेढ़ साल से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। धरने पर बैठे संविदा कर्मचारियों ने कहा कि, हमने प्रदेश के सभी 90 विधायकों, 11 सांसदों, बीजेपी के 33 जिला अध्यक्षों, समस्त कैबिनेट मंत्रियों, विधान सभा अध्यक्ष, स्वास्थ्य मंत्री, मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य संचालक एवं मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों से अनेकों बार पत्र व्यवहार किया गया है। हड़ताल से स्वास्थ्य विभाग की कार्यालयीन व्यवस्था ठप हो गई है। अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है। आंदोलनरत कर्मचारियों का कहना है कि वे अब सरकार के आश्वासन से पीछे नहीं हटेंगे। जब तक उनकी सभी मांगों पर लिखित मे अमल नहीं होता, हड़ताल अनवरत जारी रहेगी।

राजनीतिक दलों पर वादाखिलाफी का आरोप –

डॉ. अखिलेश बंजारे ने राजनीतिक दलों पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। डॉ. ज्योति पाण्डेय ने नियमित और एनएचएम कर्मचारियों के बीच भेदभाव का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि एनएचएम कर्मियों को बीमारी में भी अवैतनिक अवकाश लेना पड़ता है। धीरज रात्रे ने याद दिलाया कि चुनाव से पहले मौजूदा नेताओं ने उनका समर्थन करते हुए नियमितीकरण का वादा किया था, लेकिन सत्ता मे आने के बाद अपना वादा भूल गए है उनकी याददाश्त कमजोर हो गई है! आज तक इस दिशा में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। जिस कारण हड़ताल करने में विवश होना पड़ रहा है, मनीषा गुप्ता, अमिताभ तिवारी, उदय भानु सिंह बंजारे, गोविन्द साहू, मिर्ज़ा तोशेर अहमद बेग, प्रेमलता मंडावी, डॉ मोनिका कुर्रे, डॉ लीना बरले, डॉ. ऋषिराज मेश्राम, चन्द्रहास सेन, नम्रता बंजारे, अमित खांडेकर, बलराम साकत, अर्चना रही, राजकुमार साहू, अमित सिंह, देवी साहू, आदि उपस्थित रहें

Ashwani Agrawal
मुंगेली / लोरमी न्यूज़
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