राम से राम का वनवास पुछेगा कभी-
लोरमी मे अयोजित अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन में श्रोता देर रात तक कवियों के गीत,गजल और हास्य की फुलझडि़यों में डूबे रहे, उपमुख्यमंत्री आदरणीय अरूण साव जी की उपस्थिति में सम्पन्न इस आयोजन की शुरुआत कोरबा से आए हास्य कवि हीरा मणी वैष्णव ने धुआंधार अंदाज में किया
कवियित्री प्रियंका मिश्रा ने अपने मुक्तक और गीत से श्रोताओं को झूमनें पर मजबूर कर दिया, जबलपुर से आएं कवियित्री डां प्रतिभा पटेल नें भी अपने गजलों से शमा बांधा ,नरसिंगपुर के युवा हास्य कवि विकास बैरागी नें घनाक्षरी छंद में हास्य पढ़कर सूनने वालों को लोट-पोट कर दिया लोरमी के कवि संस्कार साहू नें श्री राम के वनवास से वापस लौटनें के पश्चात राम के विरह में वन की पीडा़ को बखूबी आपनी कविता में पिरोकर प्रस्तुत किया -चौदह बरस तूमकों सहेजा मैनें अपनी देह में
न किसी भ्रम में रखा न तो किसी संदेह में
फिर क्यों चलें तुम दे मुझे आघात पूछेगा कभी
राम से राम का वनवास पुछेगा कभी
कवि सम्मेलन का संचालन झारसुगडा़ के हास्य कवि अमित दुबे नें किया!
इस सफल आयोजन के आयोजको में ,नरेन्द्र पाटकार, अभिजीत तिवारी जितेन्द्र वैष्णव, हेमंत उपाध्याय, आनंद श्रीवास, सुरेश साहू, नरेन्द्र राठौर, नरेश दुबे, आशुतोश मिश्रा आदी शामिल थे