जशपुर का विशेष लोगो बनेगा जिले की नई पहचान लोगो में जशपुर की सांस्कृतिक विविधता व प्राकृतिक सुंदरता
जशपुर का विशेष लोगो बनेगा जिले की नई पहचान लोगो में जशपुर की सांस्कृतिक विविधता व प्राकृतिक सुंदरता की है झलक
सरकारी योजनाओं और पत्रों के जशपुर के विशेष लोगो का किया जाएगा प्रयोग
जशपुरनगर 31 दिसंबर 2024/ मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस सुशासन दिवस के अवसर पर कुनकुरी के सलियाटोली में आयोजित अटल सुशासन समारोह के अवसर पर जशपुर जिले का विशेष लोगो का शुभारंभ किया था। यह लोगों जशपुर जिले में संचालित सरकारी योजनाओं और शासकीय कामकाज में आने वाले पत्रों में प्रयोग किया जाएगा। लोगों में जशपुर की प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विविधता को बहुत ही खूबसूरती के साथ प्रदर्शित किया गया है।
लोगो एक वृत्ताकार आकार में डिज़ाइन किया गया है, जो एकता और सामंजस्य का प्रतीक है। इसमें हरे रंग का प्रयोग जशपुर की हरी-भरी हरियाली को दर्शाता है, जो क्षेत्र के समृद्ध प्राकृतिक वातावरण को प्रतिबिंबित करता है। लोगो में प्रदर्शित किया गया पहाड़ों से प्रवाहित हो रहा जल जशपुर के प्रसिद्ध जलप्रपातों को इंगित करता है। इसमें हाथी एवं उनके शावक को दिखाया गया है, जो कि जशपुर में सदियों से विचरण कर रहे हाथियों के लिए अनुकूल परिस्थितियों को दर्शाता है। इसके अलावा, इसमें चाय बगानों के प्रतीक भी शामिल हैं, जो जशपुर के प्रसिद्ध चाय बगानों, सरुडीह आदि चाय बगान को दर्शाते हैं।
जशपुर’’शब्द को गेरुआ रंग में लिखा गया है, जो इस क्षेत्र की समृद्ध आदिवासी धरोहर और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है। इस लोगो में मधेश्वर पहाड़ भी प्रमुख रूप से शामिल हैं, जो जशपुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। जिसे विश्व के सबसे बड़ा प्राकृतिक शिवलिंग के तौर पर मान्यता मिली है। ’’जशपुर’’ में ‘‘एस‘‘ का रूप एक सांप के आकार में डिजाइन किया गया है, जो जशपुर के तपकरा क्षेत्र को दर्शाता है, जिसे नागलोक के नाम से भी जाना जाता है। ‘‘पी‘‘ के ऊपर चाय की पत्तियाँ दर्शाई गई हैं, जो क्षेत्र के चाय बगानों से जुड़ी हुई हैं। लोगो में कर्मा नृत्य और जशपुर की प्रसिद्ध कला रूपों से प्रेरित कलात्मक तत्व भी शामिल हैं, जो इस क्षेत्र की सांस्कृतिक विविधता और धरोहर को दर्शाता है।