सेवा, समर्पण और स्वच्छता का संगम: ‘कायाकल्प’ की कसौटी पर खरा उतरा कोदवा महंत

मुंगेली ,लोरमी :राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की महत्वाकांक्षी ‘कायाकल्प योजना’ के अंतर्गत आयुष्मान आरोग्य मंदिर, कोदवा महंत ने सेवाभाव और स्वच्छता की एक नई इबारत लिखी है। पथरिया से आई जिला स्तरीय टीम द्वारा संस्था का गहन और सूक्ष्म निरीक्षण संपन्न हुआ, जिसमें केंद्र की व्यवस्थाओं ने उत्कृष्टता का परिचय दिया। यह संपूर्ण प्रक्रिया वरिष्ठ डॉ. जी.एस. दाऊ, बीपीएम श्री शैलेंद्र पांडेय, डॉ. आर.एस. आयाम और चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनय मिश्रा के कुशल मार्गदर्शन में संपादित हुई।
आत्मीयता और परंपरा का अनूठा समन्वय
निरीक्षण का प्रारंभ भारतीय संस्कृति की गरिमा के अनुरूप अत्यंत सकारात्मक वातावरण में हुआ। एमटी ऊषा जायसवाल के नेतृत्व में मितानिन बहनों—इंदु जायसवाल, प्रभा वैष्णव, नगीना श्रीवास, ईश्वरी जायसवाल, सुनीता जायसवाल और अंजनी जायसवाल—ने एक मधुर स्वागत गीत के माध्यम से निरीक्षण दल का भावभीना अभिनंदन किया। इस आत्मीय स्वागत ने अतिथि दल के समक्ष ग्राम्य संस्कृति और टीम भावना का एक सुंदर उदाहरण प्रस्तुत किया।
कर्तव्यनिष्ठा और सुदृढ़ व्यवस्थाएं
संस्था को व्यवस्थित और सुसज्जित रूप देने में यहां के कर्मचारियों की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही। ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक श्रीमती सुमन साहू, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) श्रीमती प्रीति बघेल, द्वितीय एएनएम श्रीमती रूखमणि मानिकपुरी और रमेश साहू ने अपनी पूर्व तैयारियों और कर्तव्यनिष्ठा का परिचय देते हुए टीम को उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं और संसाधनों से विस्तारपूर्वक अवगत कराया। उनका यह समर्पण केंद्र की उच्च गुणवत्ता को प्रदर्शित करता है।
स्वच्छता से परे: ‘कायाकल्प’ का व्यापक दृष्टिकोण
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने रेखांकित किया कि ‘कायाकल्प योजना’ का उद्देश्य केवल परिसर की बाह्य सफाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संक्रमण नियंत्रण (Infection Control) और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाओं का एक व्यापक अभियान है। निरीक्षण दल ने निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष संतोष व्यक्त किया:
उच्च स्तरीय स्वच्छता: अस्पताल परिसर में सफाई के कड़े मानकों का अनुपालन।
वैज्ञानिक अपशिष्ट प्रबंधन: बायो-मेडिकल वेस्ट का सुरक्षित और नियमसम्मत निस्तारण।
पर्यावरण अनुकूल वातावरण: इको-फ्रेंडली स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास।
रोगी केंद्रित दृष्टिकोण: मरीजों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ हेतु एक सकारात्मक और सुखद वातावरण का निर्माण।
गुणवत्ता के 50 स्वर्णिम मानक
उल्लेखनीय है कि इस योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य केंद्रों के मूल्यांकन हेतु शासन द्वारा 50 कठोर मानक निर्धारित किए गए हैं। इन मापदंडों पर खरा उतरने वाले चिकित्सा संस्थानों को राज्य सरकार द्वारा पुरस्कृत किया जाता है, जिससे प्राप्त राशि का उपयोग पुनः संस्था के उन्नयन और मरीजों को अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करने में होता है।
आज का यह निरीक्षण कोदवा महंत केंद्र की स्वच्छता, सेवा और समर्पण की प्रतिबद्धता का जीवंत प्रमाण है।
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