शोकाकुल परिवार को सीता अशोक पौधे का भेंट
लोरमी–गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है की आत्मा अजर अमर अविनाशी है। मृत्यु के रुप में केवल शरीर बदलता है। इसलिए किसी की मृत्यु पर शोक मनाने की कोई आवश्यकता नहीं है।किंतु मृत्यु लोक में आया हुआ जीव स्वाभाविक रूप से शोक संतप्त होता ही है। शोक से परे हो जाने पर वह व्यक्ति जीवात्मा नहीं अपितु महात्मा हो जाता है। किसी क्रम में मानवाधिकार आयोग राष्ट्रीय अध्यक्ष भाई साहब डॉ रमेश कश्यप जी के पूज्य पिताजी स्व.श्री शोभा राम कश्यप जी के असामयिक देवलोक गमन पर
पेड़ नहीं हम प्राण लगाबो परिवार छत्तीसगढ़ की ओर से
शोक संतप्त परिजनों को सीता अशोक के पौधे प्रदान किए गए। जिस पौधे का रोपण शोकाकुल परिजनों, ग्राम जनों व अतिथियों के पुनीत कर-कमलों द्वारा दिवंगत आत्मा की स्मृति स्वरूप किया गया। इस पौधे के रूप में दिवंगत की स्मृतियां चिरकाल तक अमिट व अक्षुण्ण रहेगी।