मुंगेली ब्युरो चीफ – जितेन्द्र पाठक
लोरमी – अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा 1897 छत्तीसगढ द्वारा दूरस्थ निवासरत अमलीभाटा लपटी निवासी जगन्नाथ सिंह राजपूत का हार्निया में आपरेशन और रीढ़ की हड्डी का इलाज कराने में असमर्थ था, उनकी पत्नी का भी स्वास्थ्य बहुत ही खराब रहता है। इस विषम परिस्थिति में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा छत्तीसगढ 1897 द्वारा पचपन हजार नौ सौ छैसठ रुपए मात्र मदद किया गया। संजय सिंह राजपूत ने कहा कि दान मनुष्य का स्वाभाविक गुण होना चाहिए। अपनी कमाई का कुछ हिस्सा समाज की जरूरतमंद लोगों के लिए देकर के आंसू पोछने का प्रयास हम सब करें। लोग कमियां ढूंढना, बुराई ढूंढना अपना जीवन का मकसद न बनाकर के किसी दिन दुखी के लिए खड़ा होकर उनके विपरीत परिस्थिति में हारे का सहारा बने। हमारा उद्देश्य निंदा करना बुराई करना दूसरों की कमियां निकालना चारी चुगली के लिए ना होकर मानवता की सेवा के लिए हुआ है इसलिए हम सब की प्रयास होने चाहिए कि समाज में कोई भी व्यक्ति लाचारी से ना रहे। इस अवसर पर पूनम सिंह, रामकुमार सिंह, महावीर सिंह, उमेश सिंह, शेर सिंह, हृदय सिंह, अशोक सिंह, सालिक सिंह, सुदर्शन सिंह, धर्मजीत सिंह, धर्मेंद्र सिंह, हिमांशु सिंह आदि उपस्थित रहे।