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संविदा कर्मचारियों ने हाथो मे मेहंदी लगाकर नारेबाजी किये अपनी हथेलियों पर मेहंदी से अपनी मांगे लिखकर शासन प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी किये

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संविदा कर्मचारियों ने हाथो मे मेहंदी लगाकर नारेबाजी किये अपनी हथेलियों पर मेहंदी से अपनी मांगे लिखकर शासन प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी किये

मुंगेली ब्यूरो- जितेन्द्र पाठक

मुंगेली- छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ के बैनर तले मुंगेली जिले के संविदा एनएचएम कर्मचारी अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर है आज मंगलवार को हड़ताल के दूसरे दिन संविदा कर्मचारियों ने हाथो मे मेहंदी लगाकर नारेबाजी किये अपनी हथेलियों पर मेहंदी से अपनी मांगे लिखकर शासन प्रशासन के प्रति नाराजगी जाहिर की!

एनएचएम कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष पवन निर्मलकर ने बताया की 10 सूत्रीय मांगो को लेकर कर्मचारी हड़ताल पर है 10 सूत्रीय मांगो मे संविलियन एवं स्थायीकरण, पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना, ग्रेड पे निर्धारण, लंबित 27% वेतन वृद्धि, कार्य मूल्यांकन सीआर में पारदर्शिता, नियमित भर्ती में सीटों का आरक्षण, अनुकम्पा नियुक्ति, मेडिकल व अवकाश सुविधा, स्थानांतरण नीति एवं 10 लाख तक कैशलेस स्वास्थ्य बीमा प्रमुख है! एनएचएम कर्मचारी विगत 20 वर्षों से प्रदेश एवं जिले के सुदूर अंचलों से लेकर प्रमुख शासकीय संस्थानों में स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ बने हुए हैं। कोविड-19 महामारी जैसे संकट में भी इनकी भूमिका अतुलनीय रही है। इसके बावजूद, आज भी उन्हें मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया है, जबकि अन्य राज्यों में इसी मिशन के कर्मचारियों को बेहतर सुविधाएं प्राप्त हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान मौजूदा सरकार के वरिष्ठ नेताओं ने हमारे आंदोलन को समर्थन दिया था। यहां तक कि चुनावी घोषणा पत्र ’’मोदी की गारंटी’’ में नियमितीकरण का वादा भी किया गया था, लेकिन 20 महीने और 160 से अधिक ज्ञापन देने के बावजूद कोई ठोस पहल नहीं की गई। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने तत्काल संवाद कर मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया, तो प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से बेपटरी हो जाएगी।

संविदा कर्मियों ने बताई अपनी परेशानी: विरोध प्रदर्शन में शामिल संविदा कर्मियों ने बताया कि वे कई वर्षों से न्यूनतम सुविधाओं और कम वेतन में अधिकतम कार्य कर रहे हैं. इसके बावजूद कभी शासन की तरफ से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है. स्वास्थ्य जैसे संवेदनशील क्षेत्र में कार्यरत कर्मियों के साथ इस तरह की अनदेखी सही नहीं है.
सम्मान की लड़ाई लड़ रहे संविदा स्वास्थ्य कर्मी: संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने कहा कि वे यह आंदोलन मांगों की पूर्ति के लिए नहीं बल्कि सम्मानजनक सेवा शर्तों और स्थायित्व के लिए लड़ रहे हैं. अगर सरकार एवं शासन प्रशासन इन मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं करती है तो हमारा यह आंदोलन प्रदेशव्यापी हो जाएगा! जिससे जिले सहित राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं बाधित होगी! जिसमे अधिकारी /कर्मचारी उपस्थित रहे डॉ अखिलेश बंजारे, डॉ मीनाक्षी बंजारे, अमित दुबे,डॉ शशांक उपाध्याय, डॉ ज्योति पाण्डेय, जितेन्द्र गौचंद, राकेश टोंडर ओमप्रकाश कुर्रे, सुमेध खुजूर, केनेड़ी पोलूस, रितेश मिश्रा, दीनदयाल बंजारे, विनोद देवांगन, धीरज रात्रे, सुषमा पाण्डेकर, नंदनी, लक्ष्मी साहू, कविता घोसले, रुखमनी, अमन, जितेन्द्र तिवारी,भूपाल पुष्पांजलि, राजेन्द्र, कैलाश जायसवाल, चन्द्रसेन, संतोष लहरे, राकेश वैष्णव, उत्तम धुरी

Ashwani Agrawal
मुंगेली / लोरमी न्यूज़
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