गायत्री महायज्ञ समापन की पूर्व संध्या पर हुआ दीपदान पूर्णाहुति के साथ नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ सम्पन्न

Picture of ashwani agrawal

ashwani agrawal

खबर को सुनने के लिए यहां पर क्लिक करें

लोरमी – ग्राम सुकली में आयोजित 9 कुंडीय गायत्री महायज्ञ भव्य और अद्भुत श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ। इस यज्ञ के अंतर्गत गायत्री महायज्ञ, विभिन्न संस्कार, दीप यज्ञ एवं प्रज्ञापुराण कथा का आयोजन किया गया। इस महायज्ञ में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने यज्ञ में शामिल होकर आहुतियां दी। साथ ही विभिन्न प्रकार के संस्कार आचार्य द्वारा संपन्न कराए गए। जिसमें गुरु दीक्षा संस्कार में 42 लोगों द्वारा गुरु दीक्षा ली गई। सरस्वती शिशु मंदिर एवं पूर्व माध्यमिक शाला सुकली के 214 विद्यार्थियों ने विद्याआरंभ संस्कार, 13 लोगों ने जनेऊ संस्कार एवं 1 माता ने पुंसवन संस्कार गुरुदेव के सूक्ष्म संरक्षण में सम्पन्न हुआ। साथ ही सर्वे भवन्तु सुखिन: की कामना कर एवं राष्ट्र नव निर्माण का संकल्प लिया गया। हम बदलेंगे युग बदलेगा, हम सुधरेंगे युग सुधरेगा। हम ईश्वर को सर्वव्यापी न्यायकारी मानकर उसके अनुशासन को अपने जीवन में उतारेंगे।

महायज्ञ समापन की पूर्व संध्या को गायत्री दीप महायज्ञ का आयोजन किया गया, झिलमिलाती रोशन आयोजन आकर्षण का केंद्र रही। इस पवित्र अनुष्ठान में 1051 दीप प्रज्वलित कर यज्ञ शाला को दीपों से माता बहनों के द्वारा भव्य रूप से सजाया गया। यह दीप श्रद्धालुओं की आस्था और भक्ति का प्रतीक था। गायत्री दीप महायज्ञ के दौरान यज्ञशाला में उपस्थित हर श्रद्धालुओं ने अपने-अपने द्वारा लाए गए दीप जलाए। दीपों की लौ से पूरा क्षेत्र प्रकाशमान हो उठा और यह दृश्य अत्यंत आध्यात्मिक और अद्वितीय था। हजारों दीपों ने प्रज्वलित होकर तिमिर रूपी अज्ञानता से ज्ञान के प्रकाश की ओर चलने की प्रेरणा दी।

दीप प्रज्वलन के साथ-साथ शांतिकुंज हरिद्वार के प्रतिनिधियों ने विश्व कल्याण के लिए गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र, सूर्य गायत्री मंत्र समेत अन्य मंत्र से भाव भरी आहुति समर्पित कराई। इस दौरान टोली द्वारा जय महाकाल जय महाकाल गीत सुन लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। पूरे वातावरण को सकारात्मक ऊर्जा से भर दिया। श्रद्धालुओं ने इस दीप महायज्ञ में भाग लेकर अपने जीवन को प्रकाशमय और पुण्य से परिपूर्ण बनाने की कामना की। चार दिन चले महायज्ञ में जिले भर के हजारों कार्यकर्ता शामिल हुए। साथ ही इस कार्यक्रम के चलते चार दिनों तक अन्नपूर्णा माता भोजनालय में भंडारे का व्यवस्था किया गया जिसमें सभी श्रद्धालुओं ने भोजन प्रसाद ग्रहण कर अपने जीवन को तृप्त किये।

कार्यक्रम के अंत में केंद्रीय टोली शांतिकुंज हरिद्वार के प्रतिनिधियों का तिलक, स्मृति चिन्ह श्रीफल भेंट कर सहृदय से सम्मान पूर्वक विदाई दी गई। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में इंद्रजीत सिंह ध्रुव, नोहर राजपूत, उमाशंकर सिंह, महावीर सिंह रामनिवास सिंह, गोकुल सिंह ध्रुव, विश्राम सोरी, नोहर सिंह सरपंच, राजेंद्र ध्रुव, भगवती ध्रुव, पुष्पा ध्रुव, पूर्णिमा साहू, मधु साहू, करिश्मा यादव, सुषमा पोर्ते, छैल ध्रुव, सुषमा ध्रुव, ममता, दीपा, प्रियंका, भूपेंद्र, समीर, चंद्रशेखर, मृत्युंजय, पायल, संजीता, शीतला, शिवकांति एवं देवनन्दनी का योगदान रहा।

ashwani agrawal
Author: ashwani agrawal

Leave a Comment

Leave a Comment

इस पोस्ट से जुड़े हुए हैशटैग्स

error: Content is protected !!