झाफल मंडल में सम्पन्न हुआ पथ संचलन कार्यक्रम

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मुंगेली ब्युरो चीफ – जितेन्द्र पाठक

लोरमी – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बहुत ही गरिमामयी कार्यक्रम विजयदशमी पर्व पर पहली बार झाफल मंडल में पथ संचलन का कार्यक्रम बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लोकेंद्र सिंह ने कहा कि हिंदुत्व के लिए काम करना हम सब की जिम्मेदारी है। अब वह समय आ गया है जब हम जाति – पाति, ऊंच – नीच के भेदभाव को मिटाकर देश की एकता एवं अखंडता के बारे में सोचना होगा। एक रहेंगे तो नेक रहेंगे की भावना से काम करना होगा।तब कही जाकर पुनः भारत को विश्व गुरु के शिखर पर पहुँचा सकते हैं।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रदीप देशपांडे ने कहा कि शताब्दी वर्ष के मद्देनजर हमने संगठनात्मक दृष्टिकोण से दो लक्ष्यों की पहचान की है, जिसमें शाखाओं की संख्या बढ़ाने और गतिविधियों में गुणात्मक सुधार शामिल है। देश के बौद्धिक आख्यान को राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य से बदलना आरएसएस के पांच परिवरर्तनों में से एक है। इस दौरान उन्होंने कहा कि आरएसएस के ‘पंच परिवर्तन’ के विचार में समाज में ‘समरसता’, पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली, पारिवारिकता को बढ़ावा देने के लिए परिवार जागृति पर जोर देना, जीवन के सभी पहलुओं में “भारतीय” मूल्यों पर आधारित ‘स्व’ की भावना पैदा करना और नागरिक कर्तव्यों के पालन के लिए सामाजिक जागृति शामिल है। देशपांडे ने कहा कि पंच परिवर्तन आम तौर पर समाज की जरूरत है। आरएसएस के सभी सदस्यों से यह सामान्य लक्ष्य ध्यान में रखने की अपेक्षा की जाती है क्योंकि काम की गुणवत्ता बढ़ने से इसका प्रभाव भी बढ़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय विचारों के प्रसार के लिए समय अनुकूल लग रहा है। इसका मतलब यह नहीं कि हम घर बैठकर आराम करें। यह समय अपने विचारों को लोगों तक पहुंचाने के लिए सर्वोत्तम है हमारा उद्देश्य अपने-अपने क्षेत्रों में काम करके लोकतंत्र को मजबूत करना है। ऐसे समय में राष्ट्रीय मुद्दों को समाज के सामने लाना चाहिए और सामाजिक कल्याण, राष्ट्रीय एकता और भारत के कल्याण पर चर्चा होनी चाहिए। कार्यक्रम संचालन दयाराम साहू एवं आभार प्रदर्शन पूनम सिंह राजपूत ने किया। कार्यक्रम में प्रदीप उपाध्याय खण्ड कार्यवाह, संजय सिंह, होरीलाल राजपूत जनपद सदस्य, बलवंत सिंह सरपंच प्रतिनिधि, रामावतार सिंह राजपूत, जयजयराम राजपूत, रोहित सिंह प्राचार्य, पुरुषोत्तम सिंह बड़गैया, अजित सिंह, झनकू सिंह,हर्ष साहू, दुर्गेश साहू, सुदर्शन सिंह, धर्मजीत सिंह, महावीर सिंह, अभय सिंह, भीषम सिंह,एवं अन्य दायित्ववान कार्यकर्ताओं व ग्रामीणजनो का विशेष सहयोग रहा।

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Author: ashwani agrawal

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