भगवान के सच्चे भक्त की महिमा का किया वर्णन आचार्य पंडित दीपक शास्त्री 09 दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत कथा का आयोजन

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09 दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत कथा का आयोजन

मुंगेली जिला ब्यूरो – जितेन्द्र पाठक

मुंगेली –  नवरात्र के शुभ अवसर पर स्व. श्री ईश्वरी प्रसाद शुक्ला के स्मृति में 09 दिवसीय श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन काली माई वॉर्ड खर्रीपारा मुंगेली में दोपहर 03 बजे से प्रभु की इच्छा तक पंडित आचार्य श्री दीपक शास्त्री पंडातराई द्वारा किया जा रहा है। जिसमे के प्रथम दिन 03 अक्टूबर को कार्यक्रम स्थल से पूरे वार्ड कलश यात्रा के साथ भ्रमण करते हुए आचार्य पंडित दीपक शास्त्री, अभिषेक शर्मा द्वारा विधि विधान से पूजा अर्चना कर श्रीमद भागवत कथा में वेदी पूजा, पद्मपुराण, महात्म्य कथा किया। दूसरे दिन 04 अक्टूबर को कथा प्रारंभ, मंगलाचरण, परीक्षित जन्म शुकदेव आगमन, तीसरे दिन 05 अक्टूबर को हिरण्याक्ष उद्धार, कपिल गीता, सती चरित्र, ध्रुव चरित्र का का वर्णन किया।
श्रीमद्भागवत कथा के आज चौथे दिन आचार्य पंडित शास्त्री ने भगवान के सच्चे भक्त की महिमा बताते हुए कहा कि भक्त प्रह्लाद हिरण्यकश्यप राक्षस का बेटा था. हिरण्यकश्यप ने तपस्या कर भगवान ब्रह्मा से वरदान मांगा था. भगवान से उसे यह वरदान मिला कि किसी भी अस्त्र शस्त्र से नहीं मारे जाओगे, न रात में, दिन में, न धरती में, न आकाश में. यह वरदान मिलने के बाद हिरण्यकश्यप को लगा कि वह अमर हो चुका है. उसने अपने छोटे भाई का बदला लेने के लिए देवताओं को परेशान किया. हिरण्यकश्यप ने अपने बेटे प्रह्लाद को अध्य्यन के लिए गुरुओं के पास भी भेजा लेकिन राक्षस का पुत्र होने के बाद भी प्रह्लाद भगवान की भक्ति में मगन रहता था। इस अवसर पर राजेन्द्र देवांगन, मनीष शुक्ला, सुरेश शुक्ला, दिलेश दुबे, भीमबली सोनकर, सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

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Author: ashwani agrawal

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