
लोरमी:- की एकमात्र जीवनदायनी नदी जिसे लोग मां मनियारी नदी के नाम से पुकारते हैं जहां आम जन निस्तारी के लिए जाते रहते हैं|
आज अपनी दुर्दशा पर रो रही है| यह बात हो रही है लोरमी की सबसे पुराना खर्रा घाट पर बना हुआ रपटा पुल जो जर्जर हो चुका है, जहाँ से लोग आज भी आना जाना करते हैं हादसों को निमंत्रण दे रहा है। घाट में जाने के लिए पुल क्षतिग्रस्त है पूरे लोरमी का निस्तारण यही से होता है , जिसके कारण कई लोग हादसों का शिकार हो चुके है। लोरमी में स्थित सबसे पुराना पुल वार्ड क्रमांक04, 05 में स्थित है, यहां का घाट पूरे लोरमी के सुख दुख का साथी है, पितृ तर्पण, से लेकर अंत्येष्टि कर्म, लोरमी की इष्टदेवी मां महामाया जी का जहां जवारा विसर्जन भी होता है। वहां की स्थिति देखिए ।आस पास पसरी गंदगी,जिसमे लोरमी नगर की नालियों का बदबूदार पानी और खराब मटेरियल भी डाला जाता है जिससे गंदगी इतनी की आसपास के लोगों का रहना दूभर हो गया है बदबू ,काई और दुर्गंध युक्त। दुर्भाग्य है लोरमी का आज तक जवारा विसर्जन भी मोबाइल के टॉर्च के माध्यम से होता है। स्थानीय लोगों की मांग के अनुसार नए पुल का निर्माण अच्छे से हो ताकि सूखे के समय मे आवागमन हो सके ये भी बायपास का विकल्प हो सकता है।।
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