देवी अहिल्याबाई ने वंचित समाज के लिए कल्याणकारी कार्य किए

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मुंगेली ब्युरो चीफ – जितेन्द्र पाठक

लोरमी – मातोश्री अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती सरस्वती शिशु विद्या मंदिर लोरमी में मनाई गई। जिसमें विभाग समन्वयक गेंदराम सिंह राजपूत ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता संजय सिंह राजपूत ने कहा कि अहिल्याबाई का जीवन सादगी, धर्म परायण,प्रशासनिक कुशलता और प्रजा वत्सला का प्रतीक का रहा है। गरीब भूमिहीन किसानों,भील,वनवासियों, वंचित शोषित पीड़ित लोगों के लिए कल्याणकारी कार्यक्रम चलाएं। उन्होंने मंदिर श्मशान घाट और तालाब को सभी वर्ग के लिए उपयोगी बनाया। तीर्थ यात्रियों के आने-जाने रुकने के लिए धर्मशाला बनवाए पीने के लिए तालाब बावली और कुआं, भोजन के लिए भंडारा की व्यवस्था, राहगीरों के आवागमन के लिए सुंदर सड़क और उसमें वृक्षारोपण कराकर अपने जनहितकारी कल्याणकारी कार्यों से जन-जन की मां दुर्गा के रूप में पूजनीय हो गई। नारियों को सशक्त और मजबूत बनाने के लिए युद्ध में लड़ने के लिए तैयार और प्रशिक्षित की। नारियों के उद्धार के लिए दहेज के बजाय शिक्षा देने पर बल दिया। इस अवसर पर जीतेंद्र सिंह, खेदू सिंह, चंद्रेश खत्री, कीर्ति वैष्णव,ताम्रध्वज कश्यप, मनहरण आचार्य, देवेंद्र पांडेय, धर्मजीत सिंह आदि उपस्थित रहे।

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Author: ashwani agrawal

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