
गांवों में लौटेगी शिक्षा की रौनक, पालकों और बच्चों में खुशी की लहर
ब्युरो चीफ – जितेन्द्र कुमार पाठक
मुंगेली – शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए मुंगेली जिले के 08 शिक्षकविहीन स्कूलों को अब 22 शिक्षक मिल गए हैं। यह कदम शासन के निर्देशानुसार युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत जिले में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने तथा स्कूलों में शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। कलेक्टर कुन्दन कुमार के मार्गदर्शन एवं जिला शिक्षा अधिकारी की देखरेख में यह प्रक्रिया पूरी तरह से शांतिपूर्ण, सुव्यवस्थित और पारदर्शी तरीके से सम्पन्न की गई। युक्तियुक्तकरण के इस प्रभावशाली क्रियान्वयन से जिले के दूरस्थ और पिछड़े इलाकों के बच्चों को अब अपने गांव में ही बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त होगी। कलेक्टर कुन्दन कुमार ने कहा कि शिक्षा ही सशक्त समाज की नींव है। शिक्षकविहीन स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना कर हम शिक्षा को जन-जन तक पहुँचाने की दिशा में एक ठोस कदम उठा रहे हैं। इस निर्णय से न केवल स्कूलों की शिक्षण व्यवस्था सुदृढ़ हुई है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के प्रति विश्वास भी और अधिक मजबूत हुआ है।

जिला शिक्षा अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि युक्तियुक्तकरण के तहत 05 शिक्षकविहीन प्राथमिक स्कूलों में 13 शिक्षक पदस्थ किए गए हैं, जिसमें प्राथमिक शाला घुठेली में 04 शिक्षक, प्राथमिक शाला बासीन में 02 शिक्षक, प्राथमिक शाला पकरिया में 03 शिक्षक प्राथमिक शाला दानवखार में 02 शिक्षक और प्राथमिक शाला रंजकी में 02 शिक्षक का पदांकन किया गया। वहीं, 03 उच्च स्तर की शालाओं में 09 शिक्षक पदस्थ किए गए हैं, जिसमें पूर्व माध्यमिक शाला अचानकमार, हाईस्कूल मुंडादेवरी व हाईस्कूल पथरगढ़ी में 03-03 शिक्षक पदस्थ किए गए हैं। इस पहल से ग्रामीण अंचलों में शिक्षा को लेकर आशा का नया संचार हुआ है। पालकों ने प्रशासन के इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि अब उन्हें अपने बच्चों को बाहर भेजने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। गांव में ही अच्छी शिक्षा की व्यवस्था हो जाने से बच्चे सुरक्षित वातावरण में पढ़ सकेंगे और शिक्षा की गुणवत्ता में भी उल्लेखनीय सुधार होगा।