जंगल के लोगो के आवगमन सुविधा व अमरकंटक जाने के लिए सुगम रास्ता

जितेन्द्र पाठक की रिपोर्ट
काफी वर्षो से जंगल मे निवासरत बैगा आदिवासियों की मांग रही
बच्चों को स्कूल आने जाने के लिए सुगम रास्ता
उपमुख्यमंत्री अरुण साव के प्रयास के कोटा- अचानकमार केंवची मार्ग का अब होगा नवीनीकरण
जिसके लिए शासन की ओर से 32 करोड़ 34 लाख 10 हजार रुपये की राशि स्वीकृत हुई जिससे 57.60 किमी सड़क का निर्माण कार्य होगा
अचानकमार टाइगर रिजर्व के बीच से गुजरने वाली सड़क पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। डामरीकरण तो दूर 10 साल से इसकी मरम्मत तक नहीं हुई है। ऐसी स्थिति में राहगीर यहां से गुजरने में भी डरते हैं। संवेदनशील व संरक्षित क्षेत्र होने के कारण टाइगर रिजर्व प्रबंधन मरम्मत की अनुमति देने से अनाकानी करता है। प्रबंधन तो इसमें राहगीरों के प्रवेश पर ही प्रतिबंध लगाना चाहता है, लेकिन आम जनता की सुविधा से जुडी सड़क होने के कारण इस पर आज तक प्रतिबंध नहीं लग सका। लिहाजा इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।

अचानकमार का जंगल जैव विविधता एवं वनस्पति से परिपूर्ण है,यहाँ पर सभी प्रकार के जीव जंतु एवं जंगली जानवरों का महत्वपूर्ण निवास स्थान है, पहले अचानकमार सेंचुरी हुआ करती थी। उस समय ज्यादा सख्त नियम नहीं थे। इसलिए लोक निर्माण विभाग आसानी से सड़कों की मरम्मत कर लेता था। लेकिन जब टाइगर रिजर्व घोषित हुआ है, यहां मरम्मत कराना भी लोक निर्माण विभाग के लिए कठिन हो गया है। विभाग ने कई बार अनुमति लेने का प्रयास किया। प्रस्ताव भेजा गया, लेकिन जिम्मेदार अफसरों ने इस पर कभी ध्यान नहीं दिया। यही वजह है कि सड़कों की मरम्मत नहीं हो सकी। धीरे- धीरे सड़कों की हालत जर्जर होती गई। वर्तमान में स्थिति यह है की सड़क में केवल गड्ढे हैं।

इसके कारण राहगीरों को बड़ी परेशानी होती है। राहगीरों के साथ सरकारी गाड़ियां व एंबुलेंस चालक को भी टाइगर रिजर्व से गुजरने में परेशानी होती है। कई बार इसकी मरम्मत व डामरीकरण का प्रयास किया गया। लेकिन हर बार टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने दरकिनार कर दिया। प्रबंधन की इस अनदेखी का खामियाजा राहगीरों को भुगतान पड़ रहा है। जबकि अमरकंटक समेत मध्य प्रदेश जाने के लिए यह सड़क बेहद सुविधाजनक है। इतनी जर्जर होने के बाद भी गाड़ियां यहां से गुजरती हैं। हालांकि इसकी जर्जर हालत की वजह से अब पहले से यातायात का दबाव कम हुआ है। राहगीर लगातार इसकी मरम्मत चाह रहे हैं। लेकिन टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने कभी भी इसकी मरम्मत को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखाई।

शिवतराई से केंवची तक जर्जर
अचानकमार टाइगर रिजर्व अंतर्गत शिवतराई से लेकर केंवची तक है। कोर जोन(अतिसंवेदनशील क्षेत्र) के कारण इतने हिस्से में मरम्मत नहीं हो सकी। टाइगर रिजर्व प्रबंधन का मानना है कि सड़क बनने के बाद गाड़ियों का दबाव बढ़ेगी। इसके अलावा गति भी तेज होगी। इससे वन्य प्राणियों को खतरा है। इस क्षेत्र में वन्य प्राणियों का मूमेंट रहता है।
टाइगर रिजर्व प्रबंधन के मुताबिक अचानकमार टाइगर रिजर्व की सड़क से प्रतिदिन गाड़ियां गुजरती हैं। इसमें कार और बाइक हैं। ये गाड़ियां अमरकंटक के अलावा गौरेला, पेंड्रा व मरवाही की ओर जाती है।

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