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रथ यात्रा- शंखनाद धण्टा में गुंजकारों के बीच निकला महाप्रभु ,जगन्नाथ रथ यात्रा, हजारो श्रद्धालुगण सहित केंद्रीय मंत्री तोखन हुये शामिल

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शंखनाद धण्टा में गुंजकारों के बीच निकला जगन्नाथ रथ यात्रा, हजारो श्रद्धालुगण हुये शामिल

मुंगेली ब्यूरो- जितेन्द्र पाठक

लोरमी – लोरमी नगर में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी भगवान जगन्नाथ जी की रथयात्रा निकाला गया जिसमें काफी संख्या में लोरमीवासी सहित आसपास के श्रद्धालुगण रथ खीचनें पहॅूचे रथ के आगे-आगे श्रद्धालुओं ने झाडु से भी रास्ता साफ किये, रथयात्रा में काफी श्रद्धालु दर्षन व रथ खीचने पहॅूचे महंत श्री विवेकगिरी जी महराज के सानिध्य में शंख, धण्टी, भक्ति गीतो के साथ भगवान की जयकार करते निकाला गया रथयात्रा, भ्रमण के दौरान भक्त विभिन्न जगहों पर स्वागत करें एवं प्रसाद वितरण किया गया। धूमधाम से निकला भव्य रथयात्रा नवयुवकों में रहा उत्साह यात्रा के दौरान। जगह-जगह श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना किये।

इस दौरान केन्दीय राज्य मंत्री ने नवलखा चौक में भगवान जगन्नाथ की पूजा अर्चना कर रानीगांव में रथ खिंचकर पूण्य लाभ लिये।

लोरमी में रविवार को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का आयोजन किया गया देव स्थल षिवधाट स्थित प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर से भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा निकाली गयी, प्राचीन परंपरा के अनुसार सबसे पहले भगवान जगन्नाथ और बलभद्र भगवान के साथ सुभद्रा माता की पूजा अर्चना के बाद उन्हे रथ पर सवार किया गया, उसके बाद तीनों रथ पर सवार होकर मौसी के यहाॅ गये। कार्यक्रम की शुरूआत में लोरमी गौरकापा महंत विवेकगिरी महराज के साथ राजपरिवार व जनप्रतिनिधियों के द्वारा पूजा अर्चना किये जिसके बाद षिवधाट से श्रद्धालुओं के द्वारा रथ को खीचा गया मार्ग पर सभी ने झाडू लगाकर रथ को खीचते हुए भगवान को मौसी के घर तक पहॅूचाया। लोरमी नगर में प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी महंत श्री विवेकगिरी महराज (गौरकापा) के सानिध्य में भव्य भगवान जगन्नाथ जी की रथयात्रा शुक्रवार को निकाला गया रथयात्रा लोरमी के देवस्थल शिवधाट से 2 बजे से प्रारंभ हुआ जो शिवधाट से शंख, धण्टा व भक्तीगीतो के साथ निकलकर रथ नगर के इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु भगवान की एक झलक पाने के लिए सड़क पर मौजूद रहे। रथयात्रा के दौरान पूरे नगर में जगह-जगह फुलो की वर्षा की गई। ज्ञात हो कि लोरमी के षिवधाट स्थित जगन्नाथ मंदिर का इतिहास काफी वर्ष पुराना है और सालो से यहाॅ भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का आयोजन किया जा रहा है। रथ यात्रा के दौरान मौसम का भी बदला मिजाज रथयात्रा के पूर्व तेज धूप व उमस रहा यात्रा के दौरान मौसम बदला व काले बादल के साथ ठण्डी हवाये चली व हल्की बूंदाबादी भी हुआ, कहते है आज के दिन बारिष होने से अच्छी बारिष होती है। अंत में षिवधाट में श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया।

रथयात्रा में काफी संख्या में भक्तगण षिवधाट से रथ को खीचते हुये आये वही भक्तो के द्वारा भगवान जगन्नाथ जी के रथयात्रा के आगे-आगे झाडु लगाकर साफ करते रहे। लोरमी में रथयात्रा के दौरान काफी संख्या में श्रद्धालुगण पहॅूचकर भगवान जगन्नाथ जी का दर्षन कर आर्षीवाद लिये जगह-जगह भक्तो के द्वारा रथयात्रा में श्रद्धालुओं के लिए जलपान का व्यस्था किया गया। पूरे नगर का भ्रमण कर रथ यात्रा वापस षिवधाट में समापन किया गया जहाॅ भगवान जगन्नाथ अपने मौसी के घर रहेगे।

आचार्यो के द्वारा बताया गया कि पखवाडे भर बाद भगवान स्वस्थ हुए विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर भक्तों के दर्षन के लिए पट खोला गया भगवान जगन्नाथ जी के दर्षन के लिए भक्तों की काफी भीड रहा। रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को विराजित कर रथयात्रा निकाला गया। मान्यतानुसार भगवान इस दिन मौसी मां के घर जाते है वहाॅ भाई-बहन 9 दिनों तक रहते है। ज्ञात हो कि लोरमी के षिवधाट स्थित जगन्नाथ मंदिर का इतिहास काफी वर्ष पुराना है और सालो से यहाॅ भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का आयोजन किया जा रहा है।

राजपरिवार, राजपुरोहित व जनप्रतिनिधीयों ने के द्वारा पूजा अर्चना कर निकाले रथ- रथयात्रा के पूर्व महंत विवके गिरी महराज, पं. सच्चिदानंद महराज, राजपरिवार के अजयदास, अनिलदास, पवनदास, आदित्यदास, रूपेषदास, एवं भक्तजनों के द्वारा महाआरती एवं पूजा अर्चना किया गया। उसके बाद रथयात्रा प्रारंभ किया गया जिसमें सैकड़ो के तदात में श्रद्धालु रहे। इस बार रथयात्रा के दौरान नवयुवकों में काफी उत्साह दिखाई दिया। उक्त रथयात्रा के दौरान भूपेन्द्र ठाकुर,सुजीत वर्मा,डॉ अशोक जायसवाल,विनय साहू,विक्रम ठाकुर, गुरमीत सलूजा,निरंजन अग्रवाल, सागर सिंह बैस, नीतेष पाठक, पवनदास, विष्वास दुबे, मुकेष सापरिया, मनीष त्रिपाठी, दिनेष साहू, राजेन्द्र सलूजा, अखिलेष त्रिपाठी,नीरज अग्रवाल,तुषार अग्रवाल,कृष अग्रवाल,अश्वनी अग्रवाल, अषोक शर्मा, श्रवण गुप्ता, नरेन्द्र खत्री, प्रषंात शर्मा,सतीश मिश्रा, जितेन्द्र पाठक, नूतन गुप्ता, राजेन्द्र सलूजा, रवि शर्मा, अषोक साहू, आदित्य वैष्णव, शैलेन्द्र सलुजा, सोहन डडसेना, अनिल सलूजा, संजय राजपूत, शरद डडसेना, रामावतार राजपूत, पवन खत्री, यतीन्द्र खत्री, विजय खत्री, देवी जायसवाल, मोनू जायसवाल, राजू डडसेना, प्रांकलन त्रिपाठी, सविता पाठक, पूजा गुप्ता, हेमलता खत्री, प्रीति श्रीवास, राधा खत्री, यामिनी खत्री, विनीता दुबे, दुर्गा खत्री, गार्गी, समृद्धि पाठक सुधा दुबे, शकुन दुबे, अंकित दुबे, आषिष डडसेना, दरबारी यादव, मुकेष जायसवाल, देवेन्द्र केषरवानी, राकेष जायसवाल, समीर पाठक, श्रेय त्रिपाठी, आयुष पाठक, अंष पाठक, अंषुमान दुबे, शौर्य दुबे, अमित यादव आदि काफी संख्या में भक्तजन उपस्थित रहे।

लोगो का लगा रहा तांता –

भगवान जगन्नाथ जी की एक झलक पाने के लिए सड़क पर मौजूद रहे। हजारों की संख्या में श्रद्धालुगण रहे, रथयात्रा के दौरान पूरे नगर में जगह-जगह फुलो की वर्षा की गई। नगर में रथ यात्रा के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया था। जिससे मार्ग पर आने जाने वालों को तकलीफों का सामना करना ना पड़े।

केंद्रीय मंत्री तोखन साहू ने बिलासपुर श्रीजगन्नाथ मंदिर में निभाई छेरापहरा सेवा

गजपति परंपरा का पालन कर रथ मार्ग का सुवर्ण झाड़ू से शुद्धिकरण,|सेवा और विनम्रता को बताया नेतृत्व का मूलभाव

भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री और बिलासपुर सांसद तोखन साहू ने आज बिलासपुर रेलवे परिसर स्थित श्रीजगन्नाथ मंदिर में रथयात्रा पूर्व की परंपरागत छेरापहरा सेवा में भाग लेकर गजपति महाराज की परंपरा का अनुकरण किया।

श्री साहू ने सुवर्ण मूठ वाली झाड़ू से रथ मार्ग का शुद्धिकरण किया और कहा कि “यह परंपरा हमें सिखाती है कि प्रभु के चरणों में सभी समान हैं। सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है और नेतृत्व का सार विनम्रता में निहित है।”

उन्होंने सभी श्रद्धालुओं के लिए प्रभु से सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य और शांति की प्रार्थना की तथा आयोजन समिति को श्रद्धा और व्यवस्था के लिए धन्यवाद दिया।

श्रीजगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव में केंद्रीय मंत्री तोखन साहू ने परिवार सहित सहभागिता की

खमतराई और लोरमी में रथ खींचा | सामाजिक समरसता, पारिवारिक मूल्य और श्रद्धा का संदेश दिया

भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री  तोखन साहू ने आज खमतराई (बिलासपुर) और लोरमी (मुंगेली) में आयोजित श्रीजगन्नाथ रथयात्रा महोत्सवों में भाग लिया।

खमतराई में, उन्होंने अपनी धर्मपत्नी श्रीमती लीलावती साहू और परिवार सहित रथ खींचकर कहा कि यह पर्व केवल आस्था का नहीं, बल्कि परिवार, समाज और संस्कृति को जोड़ने वाला एक सेतु है। प्रभु के चरणों में श्रद्धा से समर्पण ही सच्ची भक्ति है।”

लोरमी में, श्री साहू ने भगवान श्रीजगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ को खींचते हुए कहा कि। रथयात्रा सनातन संस्कृति का जीवंत उत्सव है। यह पर्व सामाजिक समरसता, सेवा और सह-अस्तित्व का संदेश देता है।”

उन्होंने रथयात्रा को भाई-बहन के आत्मीय संबंध, लोकतांत्रिक भावना, और धार्मिक चेतना का प्रतीक बताया।

Ashwani Agrawal
मुंगेली / लोरमी न्यूज़
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