मुंगेली ब्यूरो चीफ – जितेन्द्र पाठक
लोरमी – राजीव गाँधी शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय लोरमी मे कार्यालय जिलाधीश मुंगेली के आदेशानुसार भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर वायु के रूप मे महाविद्यालय युवाओं बालिका बालक वर्ग उम्र 17 से 21 वर्ष को भारतीय वायु सेना मे भर्ती होने हेतु एकदिवसीय प्रशिक्षण एवं कैम्प का आयोजन किया गया ।
इस आयोजन की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ एन के ध्रुवे ने की। आयोजन में मुख्य वक्ता तथा मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय वायु सेना भोपाल से आमंत्रित अधिकारी सर्जेंट आनंद राज, सर्जेंट शेखर सिंह चोकर एवं भूतपूर्व पैरा कमांडो पुरुषोत्तम सिंह चंद्रा तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में कनिष्ठ रोजगार अधिकारी जिला मुंगेली यूनुसराम, गजेंद्र सिंह मसराम एवं डॉ रमाकांत चंद्राकर सहायक प्राध्यापक कंप्यूटर एप्लीकेशन विज्ञान महाविद्यालय मुंगेली की गरिमामई उपस्थिति रहीं।
कार्यक्रम के आरंभ में सरस्वती वंदना, राष्ट्रगान, राजकीय तथा स्वागत उपरांत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ ध्रुवे ने कहा कि वायुसेना एक राष्ट्र की सैन्य संगठन की एक शाखा होती है जिसका मुख्य कार्य उस देश की वायु सुरक्षा, वायु चौकसी एव जरूरत होने पर वायु युद्ध करना होता है। इस सेन्य संगठन की संरचना थलसेना, नौसेना या अन्य शाखाओं से अलग और स्वतंत्र होती है। मुख्य वक्ता भारतीय वायु सेना अधिकारी सार्जेंट आनंद राज ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने अग्निवीर वायु नॉन कॉम्बैटेंट भर्ती के लिए चयन प्रक्रिया को चार चरणों में विभाजित किया है, जिसमें लिखित परीक्षा से लेकर मेडिकल परीक्षण तक की कड़ी चुनौतियां शामिल हैं। चयनित उम्मीदवारों को देश की सेवा करने का अवसर मिलेगा, लेकिन इसके लिए उन्हें सभी चरणों को सफलतापूर्वक पार करना होगा. सार्जेंट शेखर सिंह कोचर ने कहा कि 8 अक्टूबर 1932 को भारतीय वायुसेना अस्तित्व में आई और 1 अप्रैल 1954 को वायुसेना के संस्थापक सदस्यों में से एक एयर मार्शल सुब्रतो मुखर्जी ने पहले भारतीय वायुसेना प्रमुख का पद संभाला। भूतपूर्व पैरा कमांडो श्री पुरुषोत्तम सिंह चंद्रा ने कहा कि भारतीय वायुसेना (इंडियन एयरफोर्स) भारतीय सशस्त्र सेना का एक अंग है जो वायु युद्ध, वायु सुरक्षा एवं वायु चौकसी का महत्वपूर्ण काम देश के लिए करती है। इसके अलावा तीनों मुख्य वक्ताओं ने अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया, आवेदन के लिए वेबसाइट, परीक्षा योजना, शारीरिक दक्षता, आयु सीमा आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय के प्राचार्य के द्वारा मुख्य वक्ताओं को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ आर एस साहू एवं आभार प्रदर्शन डॉ नरेंद्र सलूजा ने किया। इस दौरान महाविद्यालय के प्रो एन एस परस्ते, प्रो एस के जांगड़े, प्रो एच एस राज, प्रो निधि सिंह,प्रो महेंद्र पात्रे, प्रो नितेश गढ़ेवाल, प्रो देवेंद्र जायसवाल, आर के श्रीवास्तव, एन आर जायसवाल, पुर्नेश जायसवाल, गंगा राम जायसवाल, प्रो अमित निषाद, प्रो मनीष कश्यप, प्रो श्रेया श्रीवास्तव, प्रो गंगा गुप्ता, प्रो गुरुदेव निषाद, श्रीमती सुषमा उपाध्याय पी बी शर्मा, भागबली जायसवाल, शिव यादव, अनुराग श्रीवास, मुकेश यादव, नरेन्द्र ध्रुव, सुबुद्धि यादव, जितेंद्र दुबे, सहित राजा कश्यप, अमित साहू, ललित लाठिया, तुलसी, भानुप्रिया सहित अनेक विद्यार्थी उपस्थित थे।