मुंगेली ब्यूरो चीफ – जितेन्द्र पाठक
मुंगेली – केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री तोखन साहू ने कार्यक्रम की शुरुआत मोगा स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यालय परिसर में शहीदी पार्क में 1989 में आतंकी हमले में मारे गए पच्चीस स्वयंसेवकों जिनमें बाल स्वयंसेवक भी थे, को श्रद्धांजलि अर्पित करके की। वर्ष 1989 में प्रातः क़ाल संघ की शाखा में आए हुए स्वयंसेवकों पर आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी। शहीद स्वयंसेवकों के अलावा इस आतंकी हमले में इक़तीस से ज़्यादा स्थानीय भी लोग घायल हुए थे। श्री साहू ने बताया कि हमले के अगले दिन फिर उसी स्थान पर शाखा लगाकर संघ के स्वयंसेवकों ने अपनी राष्ट्रभक्ति और चारित्रिक दृढ़ता की मिसाल पेश की। इसके बाद साईट विजिट के दौरान मंत्री ने मोगा में खुद ट्रैक्टर चलाकर और पराली बांधकर और पराली जलाने के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए उदाहरण पेश किया। यह प्रतीकात्मक कार्य ऐसे समय में हुआ है जब देश खासकर उत्तर भारत बढ़ते वायु प्रदूषण से जूझ रहा है।
पंजाब के मोगा और फिरोजपुर जिलों में एस्पायरिंग डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम की प्रगति की तीन दिवसीय समीक्षा यात्रा (19-21 नवंबर 2024) के दौरान, केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने किसानों को पर्यावरण के अनुकूल तरीके से फसल अवशेषों का प्रबंधन करने और पराली जलाने की प्रथा से बचने के लिए प्रोत्साहित किया, जो इस क्षेत्र और आसपास के राज्यों में वायु प्रदूषण और धुंध में महत्वपूर्ण योगदान देता है। खासकर सर्दियों के दौरान, पंजाब और हरियाणा जैसे आस-पास के राज्यों में पराली जलाने के कारण, भारी मात्रा में धुआँ और कण वातावरण में छोड़े जाते हैं, जो फिर दिल्ली की ओर बहते हैं, जिससे वायु की गुणवत्ता में काफी गिरावट आती है और लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा होता है।
केंद्रीय मंत्री तोखन साहू ने कहा, “धुंध के बहुत सारे प्रतिकूल प्रभाव हैं और यह स्पष्ट है कि पराली जलाना इसके पीछे मुख्य कारणों में से एक है। मैं आज मोगा आया हूँ, और मुझे यह देखकर खुशी हुई कि यहाँ बेलर मशीन का उपयोग पराली को इकट्ठा करने, उसे बंडल करने और आगे की प्रक्रिया के लिए भेजने के लिए किया जा रहा है। यह वायु प्रदूषण को कम करने और पराली का जिम्मेदारी से प्रबंधन करने की दिशा में एक उत्कृष्ट कदम है।
केंद्रीय राज्यमंत्री श्री साहू ने पर्यावरण प्रदूषण से निपटने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया, और किसानों से पराली के प्रबंधन के लिए वैकल्पिक तरीकों को अपनाने का आग्रह किया। मैं सभी किसानों से अनुरोध करना चाहता हूँ कि वे पराली जलाने से बचें और इसके बजाय इसे मौके पर ही संभालने के लिए बेलर मशीन जैसी मशीनों का उपयोग करें। ये उपाय न केवल पर्यावरण की रक्षा करते हैं बल्कि मिट्टी और फसलों को दीर्घकालिक लाभ भी प्रदान करते हैं। मोगा दौरा पराली जलाने की समस्या से निपटने और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार के चल रहे प्रयासों को दर्शाता है। पराली को इकट्ठा करने और बंडल बनाने के लिए डिज़ाइन की गई बेलर मशीनें, किसानों को पर्यावरण के अनुकूल पद्धतियों को अपनाने के लिए आवश्यक उपकरण और संसाधन प्रदान करने की व्यापक पहल का हिस्सा हैं।
प्रदर्शन के बाद श्री साहू ने मोगा जिले के गांवों में पारंपरिक जल निस्पंदन और सिंचाई प्रणालियों की प्रगति का मूल्यांकन करने के लिए साइट निरीक्षण पर गए। ये प्रणालियाँ स्थानीय कृषक समुदाय को पानी और निवासियों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक हैं।
दोपहर में केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने अमृतसर में प्रतिष्ठित स्वर्ण मंदिर का दौरा किया और इस स्थल के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की। यह यात्रा एकता और सेवा के मूल्यों को प्रतिबिंबित करने का एक अवसर था जो क्षेत्र के विकास और समृद्धि को बढ़ावा देता है। यह समीक्षा दौरे का समापन था जिसमें कृषि नवाचार, जल प्रबंधन और प्रदूषण से लड़ने पर जोर दिया गया था।
केंद्रीय राज्य मंत्री श्री साहू ने प्रस्थान से पहले बुनियादी ढांचे, जल प्रबंधन और कृषि में एकीकृत समाधानों को लागू करके ग्रामीण विकास में सुधार के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। श्री साहू ने आकांक्षी जिला कार्यक्रम के लिए निरंतर समर्थन का आश्वासन भी दिया, जिसका उद्देश्य पंजाब के ग्रामीण क्षेत्रों में संतुलित और समावेशी विकास को बढ़ावा देना है।