मुंगेली ब्युरो चीफ – जितेन्द्र पाठक
लोरमी – जंगल जानवरो के लिए सुरक्षित क्षेत्र माना जाता है लेकिन अब जंगल मे भी जानवर महफूज नही रह पा रहे है आये दिन शिकार, करंट या फिर अन्य कारणों से जानवरो की मौत की घटना सामने आते रहती है इस एक मामला और आया मुंगेली जिले के लोरमी वन परिक्षेत्र अंतर्गत टिंगीपुर इलाके में एक बार फिर हाथी के नन्हे शावक की संदिग्ध परिस्थिति में मौत का मामला सामने आया है. जहां एक खेत में नन्हे हाथी का शव पड़े मिला है, जानकारी के अनुसार आए दिन वन क्षेत्र में जंगली जानवरों के शिकार के लिए करंट तार बिछाए जाते हैं जिसकी चपेट में आने से पहले भी कई जंगली जानवरों और ग्रामीणों को जान से हाथ धोना पड़ गया है।
वहीं इस घटना को लेकर प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मृत नन्हे हाथी के गले और पैर में चोट के निशान दिखाई दे रहा है। बताए अनुसार मरने वाले हाथी का शव करीब 2 से 3 दिन पुराना है. इस घटना से वन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।जहां घटना स्थल पर अचानकमार टाईगर रिजर्व सहित मुंगेली और बिलासपुर वनमण्डल के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी समेत डॉक्टर की टीम मौके पर पहुंचे हुए हैं। जिनके द्वारा कार्यवाही की जा रही है। हाथी की जो मौत हुई है वह बिलासपुर वनमण्डल के तखतपुर इलाके की बताई जा रही है. जानकारी के अनुसार मृत हाथी का शरीर अब सड़ने शुरू हो गया है. इस घटना को लेकर प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा हाथी की मौत करंट तार की चपेट में आने से होने की आशंका जताई जा रही है हालांकि यह जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ही स्पष्ट होगा कि नर हाथी की मौत कैसे हुई है।
दरअसल यह घटना टिंगीपुर इलाके के परसापारा यादव गांव की है. जहां ग्रामीणों की सूचना के बाद वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी मौके पर पहुंच गए हैं जिनके द्वारा हाथी के शव का पंचनामा के बाद एक्सपर्ट की मदद से यह पता लगाया जा रहा है कि हाथी की मौत आखिर किन कारणों से हुआ है इस पूरे मामले में देखना होगा कि वन विभाग के द्वारा कब तक मौत के कारणों का खुलासा किया जाएगा वहीं यदि करंट तार की चपेट में आने से मौत हुई है तो जिम्मेदारों पर विभाग कब तक क्या कार्यवाही करती है।
वही आपको बता दे कि कुछ दिनों से हाथियों का झुंड टिगीपुर, परसवारा, चेचानडीह सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों में हाथियों का झुंड लगातार घूम रहे है, उन्ही हाथियों के झुंड से शायद नन्हे हाथी शावक की मौत हुई है।