लोरमी – दशरथ लाल अमरीका बाई आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बंधवा वि.ख.लोरमी जिला मुंगेली में बाल दिवस के अवसर में विविध कार्यक्रम आयोजित किया गया।सर्वप्रथम विद्यालय के संचालक त्रिलोक कोशले प्राचार्य सी.एस. कोशले एवं समस्त स्टॉफ द्वारा भारत माता और स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु जी के तैल चित्र पर पूजा अर्चना कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया गया। तत्पश्चात स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा रंगोली, निबंध, भाषण, गिलास बनाओ, गुपचुप खाओ, गन्ना खाओ, गुब्बारे फुलाओ, फैंसी ड्रेस, गिल्ली डंडा, टायर (रिंग) दौड़ाओ और विविध खेल प्रतियोगिता संपन्न हुई। स्कूल संचालक, प्राचार्य एवं सभी शिक्षक/शिक्षिकाओ द्वारा छात्र/छात्राओ को तिलक और पुष्पभेंट स्वागत कर मिठाई, खीर, पुडी खिलाकर बाल दिवस पर इनके उज्ज्वल भविष्य के लिए आशीर्वाद बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित किए।
इसके बाद स्कूल संचालक त्रिलोक कोशले ने बाल दिवस पर कहा कि 14 नवंबर को देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती होती है, जिसे देश में बाल दिवस के तौर पर मनाया जाता है। आम तौर पर बाल दिवस पर बच्चों को उपहार देने का रिवाज है,लेकिन इस दिन हमे अपने बच्चों को आर्थिक समझदारी की सीख देना भी उतना ही अहम है।बदलते आर्थिक माहौल में माता-पिता के लिए यह जरूरी है कि वे अपने बच्चों को फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस यानी वित्तीय स्वतंत्रता और जिम्मेदारी के बारे में शिक्षित करें। बच्चों में अगर कम उम्र से ही बचत, निवेश और वेल्थ क्रिएशन की समझदारी विकसित की जाए तो न सिर्फ उनकी अपनी जिंदगी बेहतर बनेगी,बल्कि वे एक बेहतर और जिम्मेदार नागरिक भी बन पाएंगे। प्राचार्य सी.एस.कोशले ने कहा कि बाल दिवस का मुख्य उद्देश्य बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना,उन्हें सुरक्षित वातावरण देना और उनकी शिक्षा व स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करना है। बाल दिवस पर बच्चों के प्रति बढ़ते अत्याचार,बाल श्रम, और शिक्षा की कमी जैसी समस्याओं पर जागरूकता फैलाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी गोविंदा नवरंग ने बाल दिवस पर कहा कि माता-पिता बच्चों की जरूरतों और इच्छाओं को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ते। लेकिन कई बार बच्चों को पूरी तरह सुरक्षित माहौल देने की कोशिश उन्हें जरूरत से ज्यादा निर्भर और आलसी भी बना देती है।
स्काउट गाइड प्रभारी धनेश्वरी खांडे ने कहा कि बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता और जिम्मेदारी,बाल दिवस पर बच्चों के अधिकारों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। जैसे कि उन्हें अच्छी शिक्षा का अधिकार,बाल श्रम से सुरक्षा,और एक सुरक्षित व प्यार भरे वातावरण में बढ़ने का अधिकार। भारत में बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए बाल संरक्षण कानून और संस्थाएँ कार्यरत हैं। जिनका उद्देश्य बच्चों के भविष्य को सुरक्षित और सर्वांगीण बनाना है। कार्यक्रम में व्याख्याता शिक्षिका सेवती साहू,विरेंद्र साहू, गजेंद्र गर्ग, राखी नेताम, राजीव कोशले, मधु मिरी, मासूम कोशले, स्वयंसेवक छात्र-छात्राऐ चंद्रशेखर किरण, सुखचरण, लुसेन,आकाश, रंजीता साहू, रंजीता खांडे, शिल्पी जांगड़े, झरना यादव, देवराज यादव, करीना टोंडे, दीपिका साहू, प्रियंका यादव, आदित्य, सचिन, आशीष, नवीन डाहिरे, निर्भय, रेणुका, अनामिका, अंजुला, विराट, विवेक, कामनी, लेश्मा, सागर, संजू, संजना, अमरप्रकाश, हितेश, पूनम, निधि, दिलीप, प्रेमलता, दुर्गा, धर्मेश इत्यादि लोग उपस्थित रहे।